स्टॉक मार्केट दुनिया में सबसे अच्छा प्लेटफॉर्म है जहां पर आप आप धन संपत्ति अर्जित कर सकते हैं। भारत और पूरे विश्व में ऐसे बहुत बड़े बड़े निवेशक हैं जिन्होंने शेयर मार्केट मैं निवेश करके प्रचुर मात्रा में धन कमाया है। हालांकि इसके साथ साथ शेयर मार्केट की कुछ कड़वी सच्चाई भी है जिसे कभी भी शेयर मार्केट में सफल हुए लोग और विश्लेषक बताने से कतराते हैं -
शेयर मार्केट शेयर मार्केट के बारे में 8 कड़वी सच्चाई
1.कोई भी स्टॉक आपको निश्चित लाभ नहीं दे सकता
बहुत सारी भरोसेमंद कंपनियों के स्टॉक जो लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हैं लगातार लाभ देते हैं वह भी कभी-कभी निश्चित लाभ नहीं देते या खराब प्रदर्शन करते हैं। किसी भी अच्छे से अच्छे स्टॉक में निवेश करने पर उसमें थोड़ा खतरा रहता है चाहे वह कितना भी सुरक्षित लगता हो।
किसी भी कंपनी के शेयर प्राइस को प्रभावित करने के लिए हजारों तरह के कारण हो सकते हैं जैसे किसी देश की या विश्व की अर्थव्यवस्था उद्योग कंपनी की मूलभूत संरचना तकनीकी ,नए नियम, टैक्स ,सामाजिक और राजनीतिक खतरे इत्यादि ।अगर आपको कोई निश्चित लाभ का वादा करता है तो या तो उसे अनुभव नहीं है या वह आपसे झूठ बोल रहा है। स्टॉक मार्केट में आप के लिए सबसे अच्छा रास्ता यह होगा कि आप अपने खतरों को समझे और पहले से ही आप कितना खतरा ले सकते हैं इसका निर्णय कर लें।
एक सफल निवेश खतरों को टालना नहीं उसका प्रबंधन करना है।———— "बेंजामिन ग्राहम"
2. लालच और डर से ही शेयर मार्केट चलता है।
यह एक सामान्य बात है कि किसी भी शेयर मार्केट में निवेश करने वाले व्यक्ति को डर और लालच प्रभावित करते हैं। जब अर्थव्यवस्था रोजगार सब अच्छे चल रहे होते हैं और सरकार अच्छे निर्णय लेती रहती है तो लोग आशावादी और लालची हो जाते हैं हम सभी चाहते हैं कि छोटे से छोटे समय में हम ज्यादा से ज्यादा पैसा कमा पाएं। और इसी वजह से किसी भी स्टॉक के मिस्प्राइसिंग हो जाती है । निवेशकों की ज्यादा पाने की चाहत की वजह से लंबे समय वाली स्ट्रेटजी फंडामेंटल के हिसाब से सही नहीं बैठती।
और दूसरी तरफ जब सब चीज खराब चल रहा हो अर्थव्यवस्था अच्छी नहीं चल रही हो बाजार बहुत समय से हानि में हो तो लोग बहुत ज्यादा डर जाते हैं और सोचते हैं कि बाजार क्रैश हो जाएगा।
इसी वजह से शेयर मार्केट में सही डिसीजन नहीं ले पाते।
3. किसी भी समूह के प्रबंधक या लीडर अपने लाभ को प्रभावित कर सकते हैं या छुपा सकते हैं।
मार्केट की सबसे बड़ी कड़वी सच्चाई की सच में किसी भी समूह के लीडर अपनी हानि को छुपा सकते हैं और लाभ को भी
सभी निवेशक चाहते हैं कि वह ऐसी कंपनी में निवेश करें जो कि तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। और लगातार लाभ होना ही किसी कंपनी का ग्रोथ दिखाता है ।
ऐसे में अगर मार्केट उस कंपनी से असाधारण प्रदर्शन की उम्मीद करती है हर क्वार्टर में तो इससे कंपनी के ऊपर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है और कारपोरेट लीडर उस उम्मीद को पूरा करने में जब असफल हो जाते हैं तो उनके शेयर प्राइस गिरने लगते हैं इसलिए वह अपने लाभ को प्रभावित करते हैं और ऐसा दिखाने की कोशिश करते हैं कि कंपनी अच्छे फायदे में है ।
4. किसी भी शेयर को उसके मूल्य से अधिक पर खरीदना
हमसे यह गलती हमेशा होती है कि हम कभी भी ऐसे स्टाक को खरीदते हैं जो ट्रेंड पर होती है और और अपनी मूल्य से कई गुना अधिक होती हैं जब हम उसे खरीद लेते हैं उसके बाद वह नीचे आने लगता है तो हमें हानि होती है ।
हमें अच्छे से स्टडी करना चाहिए कि उस स्टॉक को अगर हम खरीद रहे तो क्या उसका यह सही प्राइस है या ओवरप्राइस है ।
5. 90 परसेंट से ज्यादा लोग शेयर मार्केट मैं अपना पैसा गवांते हैं ।
जी हां यह कड़वी सच्चाई है कि शेयर मार्केट से सभी लोग पैसा नहीं कमा पाते और 90 परसेंट लोग अपना पैसा गवा देते हैं इसका मुख्य कारण यह नहीं है कि शेयर मार्केट सबको बराबर मौका नहीं देती बल्कि लोग अपना समय देने और प्रयास करने के लिए तैयार ही नहीं है।
आपके पास दो तरीके हैं या तो आप किसी कंपनी की और उसके शेयर का विश्लेषण करें उसके बारे में रिसर्च करें और उस पर इन्वेस्ट करें या फिर अपने किसी मित्र या ब्रोकर या किसी न्यूज़ के द्वारा सुझाए हुए शेयर पर निवेश करें।
निश्चित ही आपके पास सबसे अच्छा तरीका होगा कि आप किसी कंपनी और उसके शेयर के बारे में रिसर्च करें एनालिसिस करें फिर उस पर निवेश करें।
6. भेड़ चाल वाली मानसिकता सब बर्बाद कर देती है ।
यह एक सच्चाई है कि हम चाह कर भी अपने हिसाब से नहीं चल सकते हमें मजबूरन भीड़ के साथ चलना पड़ता है। अगर मार्केट मैं ज्यादा वॉल्यूम शार्ट सेल कर रही है तो हमें भी मजबूरी में शार्ट सेल करना पड़ता।
अगर न्यूज़ में किसी शेयर के बारे में आ गया कि वह अब नीचे गिरने वाली है तो सभी लोग उसे बेचने लग जाते हैं और हम भी उस भीड़ में शामिल होते हैं और हम भी उसे बेचकर निकल जाते हैं कई बार कंपनियां खुद अपने बारे में गलत खबर छपवाती है जिससे उनकी शेयर प्राइस कम हो जाए और उसके बाद वह खुद अपने शेयर कम दामों पर खरीद लेती जिससे उनकी हिस्सेदारी बढ़ जाती है।
7. भविष्य कोई नहीं जानता
अगर आप सोचते हैं कि हमेशा सब अच्छा चलता रहे तो यह संभव नहीं है कभी-कभी मार्केट नीचे आती हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि वह नीचे ही अटक जाए मार्केट का उद्देश्य ही है निरंतर आगे बढ़ना मार्केट क्रैश होने के लिए नहीं बनी है और ना ही एक जगह पर स्थिर रहने के लिए।
8. मार्केट जितना पैसा देती है उतना उसे लेना भी आता है।
शेयर बाजार का दुनिया में सबसे कड़वा सच यह है कि मार्केट जो चाहे आप से करवा सकती हैं और मार्केट को पता है कि इंट्राडे ट्रेडिंग में कितने लोग कहां-कहां अपने स्टॉपलॉस लगाए हुए हैं मार्केट उस रेंज तक पहुंचती है सबके स्टॉप लॉस हिट करने के बाद वापस फिर ऊपर चली जाती है इंट्राडे स्टेटस को को सबसे ज्यादा नुकसान होता है।
शेयर मार्केट मैं उतार-चढ़ाव निरंतर जारी रहता जो किसी छोटे ट्रेडर के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है अगर उसको कम जानकारी है तो कभी-कभी इंट्राडे ट्रेडर्स को बहुत ज्यादा हानि का सामना करना पड़ता है।इंस्टीट्यूशनल ट्रेडर्स जब कभी भी ज्यादा वॉल्यूम में ट्रेड में घुसते हैं तो रिटेल इन्वेस्टर का नुकसान होने की संभावना होती है।
जैसे कि अगर जैसे कि अगर मार्केट थोड़ा सा ऊपर गया और रिटेल इन्वेस्टर बाय कर के बैठे हैं ठीक उसी समय अगर कोई बड़ा वॉल्यूम शॉर्ट सेलिंग करता है तो रिटेल इन्वेस्टर का नुकसान होता है।
शेयर मार्केट का मतलब ही है लाभ और हानि यह एक सतत प्रक्रिया है। यह निरंतर चलती ही रहेगी।