यदि मैं किताबी भाषा का उपयोग कर तो
"वर्तमान में मिलने वाले धन का मूल्य , भविष्य में मिलने वाले धन से अधिक होता है।"
अब हमेशा की तरह दैनिक जीवन के उदाहरण से इसे समझने की कोशिश करते है।
उदाहरण:
मान लीजिए आप 1 लाख रुपये जीत गए । अब आपके पास दो विकल्प है
1)रुपये आप अभी लेना पसंद करेंगे।
2)यदि अभी नही लेते तो आपको 1 लाख रुपये 3 साल बाद मिल जाएगी।
अब आप दोनों विकल्प में क्या चुनेंगे ? मैं उम्मीद करता हु की 100 में से 99 ऐसे है जो पहले विकल्प का चयन करेंगे। जानते है क्यों?
कंपाउंडिंग के कारण आप ऐसा चुनेंगे। अब आपके मन मे यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि इसमें कंपाउंडिंग कहाँ है?
अब इसे समझने की कोशिश कीजिये:
यदि मैं पहला ऑप्शन चुनता हु तो 3 साल में उस 1 लाख की वैल्यू कितनी होगी।
यदि मैं उस रुपये को बैंक में जमा कर दु तो बैंक से 4% की रेटूर्न पर भी उसकी 1 साल की वैल्यू
पहले साल: 1 लाख + 1 लाख का 4%= 100000+4000= 104000
दूसरे साल: 104000+ 104000 का 4%= 104000+4160=108160
तीसरे साल: 108160 +108160 का 4%= 108160 + 4326.4 =112486.4
यानी यदि आज मीले पैसे को आप सिर्फ बैंक के ब्याज पर छोड़ दे तो तीन साल बाद उसकी वैल्यू 112486.4 हो जाएगी।
अब दूसरे विकल्प पर चर्चा करे:
यदि वही रुपये आप 3 साल बाद लेते तो आपको उसके ब्याज यानी 12486.4 रुपये का नुकसान होता यानी तीन साल बाद मिलने वाले उस 1 लाख रुपये का मूल्य सिर्फ 87513.6 रुपये रह जायेगा।
उम्मीद है आपको कंपाउंडिंग समझ मे आयी होगी । बाजार में इसी कंपाउंडिंग का उपयोग करके आप अपने निवेश को मल्टीप्लाई किया जाता है।