यह बहुत ही दिलचस्प टॉपिक है मेरे लिए, क्यूंकि मैं इसके बारे में जितना पढ़ते जाता हूँ, उतनी मेरी आँखें खुलती जाती हैं-
तो आपको ऐसा लगता है कि पैसे से पैसा कमाया जाता हैं, तो इसपर मेरा जवाब है, नहीं. आप जिस तरीके से पैसे से पैसा कमाने की सोच रहे हैं, उस तरीके से पैसा नहीं कमाया जा सकता. हैरान हो गए ना ।
मैं समझाता हूँ क्यों. अधिकाँश लोग पैसे से पैसा बनाने के बारे में केवल यह बातें जानते हैं:-
१. म्यूच्यूअल फण्ड या शेयर बाज़ार में निवेश करना.
२. ढेर सारी ज़मीन खरीदना.
३. FD / Bond में पैसे डालना इत्यादि.
इन सारे तरीकों से पैसा बनता है, पर आपने कभी इस बात का विश्लेषण किया है कि कितना?
चलिए देखते हैं, एक उदाहरण लेकर.
आप 100000/- रुपये बैंक में FD डालते हैं, जिसमे मान लीजिये कि आपको ८% का सालाना रिटर्न मिलता है. तो साल भर बाद आपके पास 8000/- होते हैं simple interest के हिसाब से. यानी आपके बैंक अकाउंट में साल के अंत में 1,08,000/- होने चाहिए.
अब आते हैं आपकी कटौतियों पर.
- सबसे पहली समझने वाली चीज़ है inflation, और यह आपके "पैसे की कीमत" को तय करती है. inflation यानी मुद्रास्फीति की दरें, यानी आप अपने पैसों को कितनी बेहतरी से उपयोग करेंगे उसका तरीका. जब मुद्रास्फीति की दरें बढती है, तो चीज़ों के दाम बढ़ते हैं, और हमारे खरीदने की क्षमता कम होती है.सीधे सीधे शब्दों में यदि आज का inflation rate 4.00% है, तो आपके 100000/ की कीमत लगभग 96000/- हो गयी. (4% कम). तो आपके 8000/- interest की कीमत भी घटकर हो गयी 7680/-. तो आपके 1,08,000/- की कीमत हुई - 1,03,000/-.
- आपके बैंक में जो भी पैसा निवेश के returns के रूप में आएगा उस पर Capital Gain टैक्स लगाया जायेगा. यदि आप उसे किसी निवेश जैसे की MF, Stocks, Shares से लाते हैं, तो सीधा सीधा 20% का Capital Gain Tax लगेगा. यानी FD से कमाए हुए 8000/- में से 1600/- चले गए, तो बचे - 6400/- जिसकी कीमत है लगभग 6100/- (मुद्रास्फीति के कारण). तो समझने वाली बात है, कि क्या ऐसा कोई MF है, जो आपको कम से कम ४०% return दे रहा हो, क्यूंकि साल के अंत में २०% तो टैक्स में जा रहा है. जब सरकार ने 2017 में यह घोषणा की, कि MF पर कोई Capital Gain Tax नहीं होगा तो, लोगों ने भाग भाग कर इसमें पैसे लगाए. पर ठीक एक साल बाद जब हर किसी ने MF में भरपूर पैसा निवेश किया तो अगस्त 2018 के बजट में STCG और LTCG (Long-Term Capital Gain Tax) लागू कर दिया. तो टैक्स रिबेट का यह तरीका केवल आम नागरिक के पैसे जेब से निकालकर मार्किट में निवेश करवाने वाला गाजर था. | How to calculate tax on LTCG from equity shares and equity mutual funds
- अब आप यदि 10% इनकम टैक्स ब्रैकेट में आते हैं, और यदि 2.5 लाख की IT Rebate अपने आईटी रिटर्न में दिखा चुके हैं, तो अब इस 8000/- पर income tax भी लगेगा 10% - यानी और 800/- रुपये चले गए.
- तो कुल मिलकर यदि आप देखें तो इस सारी महाभारत के बाद आपके असल और सूद मिलकर बनेगा- 1,01,376/- .
अब बनो अमीर.
सोच का फर्क
क्या हो रहा है? क्या आप समझ पा रहे हैं भारत में ही नहीं, पूरी दुनिया में टैक्स की नीतियाँ 'कर्मचारी वर्ग' को दण्डित करने के लिए बनायी गयी हैं. इस विडियो को ध्यान से देखें तो आप को यह बात समझ आएगी कि, कर्मचारी वर्ग में और व्यवसायी वर्ग की टैक्स नीतियों में क्या अंतर है.
यह बातें स्कूल में नहीं सिखाई जाती.
मैं हैरान होता हूँ इस बात से कि हर साल ढेरों बच्चे B-School, यानि की Business School में जाते हैं लाखों रुपये साल का देकर. तो ऐसा क्यूँ है, कि यहाँ से बाहर आने के बाद सभी छात्र बिज़नेस करने की बजाये नौकरी ढूँढ़ते हैं? क्या आपने अपने आप से कभी यह सवाल पूछा है?
इसके बनस्पत व्यवसायी क्या करते हैं, जो हर साल उनकी आय बढती ही जाती है? उनके टैक्स की क्या नीतियाँ हैं?
एक कर्मचारी और व्यवसायी में केवल एक ही फर्क है - एक कर्मचारी एक बने बनाये सिस्टम के लिए कार्य करता है, जबकि व्यवसायी ऐसे सिस्टम की रचना करते हैं. वह सिस्टम है assets.
एक साधारण उदाहरण है - किताब लिखना. आप इसे लिखते केवल एक ही बार हैं, पर एक अच्छी किताब आज भी बिकती है, कल भी बिकेगी और आने वाले कई सालों तक लोग उसे पढेंगे. और उस किताब का लेखक सालों साल उसकी रॉयल्टी लेगा. यही एसेट को समझने का सबसे सरल तरीका है.
व्यवसायी ऐसे assets तैयार करते हैं, और कर्मचारी ऐसे एसेट का हिस्सा बनकर कई साल तक व्यवसायिओं के लिए पैसा बनाते हैं.
तो व्यवसायी सही मायनों में assets बनाने में पैसा लगते हैं. ऐसे assets जिनकी कीमत stock market के उतार चढ़ाव पर नहीं निर्भर करती, ना कि इस बात पर कि आप कितने दिनों तक काम करेंगे. क्यूंकि एक किताब आप एक ही बार लिखते हैं, और जब वह लिखकर पूरी हो जाती है, तो दूसरी कॉपी दोबारा नहीं लिखनी पड़ती.
आज से कई साल पहले करोड़ों रुपये लगाने पड़ते थे ऐसा करने के लिए, पर आज सबसे बड़ा एसेट है - Information.
मैं इसको भी एक ही बार लिख रहा हूँ, पर यह इंटरनेट पर आने वाले कई सालों तक रहेगी. और जब तक यह उत्तर रहेगा, लोग पढेंगे और यह पैसा बनाएगी.
तो अब आपको क्या लगता है, क्या वाकई 'केवल' पैसे से ही पैसा बनाया जा सकता है ?
अपने सुझाव हमें कॉमेंट्स करके बताए ।
लेखक - रजत कुमार ।